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Showing posts from May, 2018

“बाल मजदूरी” - देश पर कलंक | Child Labour - Blog

बचपन की उम्र में छोटे बच्चो को शिक्षा, संस्कार देने का समय होता है। वैसे ही बच्चो का खेलने कूदने का समय होता है। मगर कुछ बच्चे ऐसे होते जिनके नसीब में यह सब बाते जानने का अवसर ही नहीं मिलता। जिस उम्र में उनके हातो में किताबे और खिलोने होने चाहिए उसके जगह पर उनके नाजुक हातो को पत्थर, कूड़ा उठाना पड़ता है। बाल मजदूरी जैसी गंभीर समस्या आज भी हमारे देश में कम होने का नाम नहीं ले रही। बाल मजदूरी की समस्या समय के साथ साथ बहुत उग्र रूप लेती जा रही है। इस समस्या को अगर समय रहते जड़ से मिटाया नहीं गया तो इससे पुरे देश का भविष्य संकट में आ सकता है। बाल मजदूरी को जड़ से ख़तम करने के लिए क्या ठोस कदम उठाने चाहिए। आप देखते ही होंगे शादी में लाइटिंग उठाते हुए बच्चे, मजदूरी करते हुए बच्चे, होटल में वेटर की तरह काम करने वाले बच्चे, चाय की दुकान, कपडे की दुकान आदि कई साड़ी जगहों पर आपने बच्चों को काम करते हुए देखा होगा| पर आजतक किसीने नहीं सोचा की इसके खिलाफ कुछ कहा जाये| मै भी एक बच्चा हूँ और जब मै मेरी ही उम्र के, और मुझसे भी छोटे बच्चों को काम करते हुए देखता हूँ तो ह्रदय में बड़ा दुःख होता है| कुछ तो ...

आधुनिक भारत के जनक राम मोहन रॉय | Raja Ram Mohan Roy

राजा राम मोहन रॉय – Raja Ram Mohan Roy आधुनिक भारत के रचयिता के नाम से जाने जाते है। वे ब्रह्म समाज के संस्थापक थे, जो भारत का समाजवादी आंदोलन भी था। सती की प्रथा को बंद कराने में उनकी अहम भूमिका रही है। राजा राममोहन रॉय एक महान विद्वान और स्वतंत्र विचारक थे। उन्होंने इंग्लिश, विज्ञान, पश्चिमी औषधि और तंत्रज्ञान की शिक्षा प्राप्त की थी। मुग़ल शासको ने उन्हें “राजा” की उपमा दी थी। आधुनिक भारत के जनक राजा राम मोहन रॉय – Raja Ram Mohan Roy राजा राममोहन रॉय एक महान इतिहासिक विद्वान है, जिन्होंने भारत को आधुनिक भारत में बदलने के लिए काफी संघर्ष किये थे और सदियो से चली आ रही हिन्दू कुप्रथाओ का विनाश किया था। समाज में परिवर्तन लाने के लिए उन्होंने बहोत से सामाजिक काम किये और देश में महिलाओ की स्थिति को मजबुत बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान भी रहा है। रॉय ने सती प्रथा का खुलकर विरोध किया था। वे एक महान विद्वान थे जिन्होंने काफी किताबो का भाषा रूपांतर किया था। 1828 में राजा राममोहन रॉय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की थी। उन्होंने राजनैतिक, सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्रो में भी बहोत ...

Be Lion – Inspiring Story in Hindi | शेर बने – प्रेरणादायक कहानी हिंदी में

क्या आप शीप (भेड़) बनना पसंद करेंगे या शेर? बिल्कुल शेर!! लेकिन आपने कभी यह सोचा है की आप शेर है या शीप(भेड़)??? कडवा सच कहूँ तो ज्यादातर लोग शीप ही है । वो जी तो रहे है लेकिन जिंदगी के सामने दहाड़ कर अपने उसूलों, अपने दम पर नहीं जी रहे बल्कि जिंदगी और अपने सपनों के सामने एक शीप(भेड़) की तरह घुटने टेक मिमियाते जी रहे है । तो जानते है की यह शीप की तरह जीना क्या है और शेर की तरह जीना क्या है । इसके लिए हमें शीप और शेर की थ्योरी समझनी होगी । शीप और शेर थ्योरी पहले शीप की बात करते है, शीप का जीवन शीप का जीवन गड़रिये के इशारों पे चलता है, जहाँ गड़रिया ले चले वहां चलता है और दूसरे शीप की तरह ही चलता है । शीप के अपने कोई सपने नहीं होते, शीप की अपनी कोई मंजिल नहीं होती बस वो तो जहाँ गड़रिया ले चले वहाँ चलता है, जहाँ और शीप जा रहे है ठीक वहाँ वो भी चलता है । शीप के पास कोई सवाल नहीं है की वो भी वहां जाए तो क्यों जाए और न जाए तो कहा जाए, वो तो बस दूसरे शीप को देख के सर झुकायें अंधभक्त की तरह पीछा किये जाता है और अगर वो अपनी ऐसी पर...