बचपन की उम्र में छोटे बच्चो को शिक्षा, संस्कार देने का समय होता है। वैसे ही बच्चो का खेलने कूदने का समय होता है। मगर कुछ बच्चे ऐसे होते जिनके नसीब में यह सब बाते जानने का अवसर ही नहीं मिलता। जिस उम्र में उनके हातो में किताबे और खिलोने होने चाहिए उसके जगह पर उनके नाजुक हातो को पत्थर, कूड़ा उठाना पड़ता है। बाल मजदूरी जैसी गंभीर समस्या आज भी हमारे देश में कम होने का नाम नहीं ले रही। बाल मजदूरी की समस्या समय के साथ साथ बहुत उग्र रूप लेती जा रही है। इस समस्या को अगर समय रहते जड़ से मिटाया नहीं गया तो इससे पुरे देश का भविष्य संकट में आ सकता है। बाल मजदूरी को जड़ से ख़तम करने के लिए क्या ठोस कदम उठाने चाहिए। आप देखते ही होंगे शादी में लाइटिंग उठाते हुए बच्चे, मजदूरी करते हुए बच्चे, होटल में वेटर की तरह काम करने वाले बच्चे, चाय की दुकान, कपडे की दुकान आदि कई साड़ी जगहों पर आपने बच्चों को काम करते हुए देखा होगा| पर आजतक किसीने नहीं सोचा की इसके खिलाफ कुछ कहा जाये| मै भी एक बच्चा हूँ और जब मै मेरी ही उम्र के, और मुझसे भी छोटे बच्चों को काम करते हुए देखता हूँ तो ह्रदय में बड़ा दुःख होता है| कुछ तो ...